भारतीय कृषि (Indian Agriculture) : Rajasthan Board Notes Class 10th (Social Science)


भारतीय कृषि
Indian Agriculture
परिचय
भारत कृषि प्रधान देश है, यहाँ पर कुल जनसंख्या का 54.6 प्रतिशत भाग प्रत्यक्ष रूप से कृषि पर आश्रित है तथा देश के सकल घरेलू उत्पाद का 17.4 प्रतिशत भाग कृषि से प्राप्त होता है।

भारतीय कृषि के विविध स्वरूप है इन विविध स्वरूपों को निम्न आधारों के अनुसार वर्गीकृत किया जाता है।
भारत में कृषि को ऋतुओं के आधार पर तीन भागों में बाटाँ गया है -
1. खरीफ फसल  2. रबी फसल  3. जायद फसल
अ. खरीफ फसल- ऐसी फसलें जो जून-जुलाई में बोयी जाती है। तथा अक्टूबर-नवम्बर में काटी जाती है। ऐसी फसलों में चावल, मक्का, बाजरा, मूंगफली, मूंग, उड़द, गन्ना, सोयाबीन, इत्यादि प्रमुख है।
. रबी- ऐसी फसलें जो अक्टूबर-नवम्बर में बोई जाती है तथा मार्च-अप्रैल में काटी जाती है। ऐसी फसलों में गेहूँ, चना, जौ, तिलहन (अलसी, सरसों) जीरा, धनिया, अफीम, इसबगोल की फसलें प्रमुख है।
. जायद - इसमें मुख्य रूप से हरी सब्जियां एवं चारे की फसलें होती हैं जिसे फरवरी-अप्रैल में बोई जाती है जून-जुलाई में काटी जाती है। इसमें तरबूज, लौकी, ककड़ी खीरा आदि की फसलें ली जाती हैं।

भारत में कृषि विधियों के उपयोग के आधार रूप -
1. खाद्यान्न फसलें - ऐसी फसलें जिनका उपयोग खाने या भोजन के रूप में किया जाता हो, जैसे चावल, गेहूँ, मक्का, ज्वार, बाजरा, जौ व दालें इत्यादि प्रमुख है।
2. व्यावसायिक या औद्योगिक फसलें - ऐसी फसलें जिनका उपयोग व्यावसायिक कार्यों के लिए या उद्योग में कच्चे माल के रूप में किया जाता हो इन्हें मुद्रादायिनी फसलें कहा जाता है, इसमें गन्ना, कपास, जूट, तम्बाकू तथा तिलहन आदि फसलें सम्मिलित की जाती है।
3. बागानी फसलें - ऐसी फसलें जिसे विशाल बागानों में उत्पादित की जाती हो तथा पेय व औद्योगिक कार्यों में उपयोग में ली जाती हो जैसे चाय, काफी, रबड़, सिनकोना, गर्म मसाले इत्यादि।
4. उद्यान फसलें - इसमें फल व सब्जियों को सम्मिलित किया जाता है।

भारत की प्रमुख खाद्यान्न फसलें
1.गेहूं
Image result for wheat plant
उत्तरी भारत की प्रमुख रबी फसल जो भारत के समशीतोष्ण भागों में बोई जाती है।
आवश्यक उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियां –
तापमान - 100 से 250 सेन्टीग्रेड
वर्षा - 25 से 75 सेन्टीमीटर वर्षा
मृदा प्रकार - हल्की दोमट व चिकनी मिट्टी
भारत के प्रमुख गेहूँ उत्पादन क्षेत्र -  पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश तथा अन्य राज्यों में मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार है।
राजस्थान के प्रमुख गेहूँ उत्पादन क्षेत्र -  गंगानगर, हनुमानगढ़, अलवर, भरतपुर, जयपुर, कोटा।।
भारत विश्व में गेहूँ उत्पादन की दृष्टि से तीसरे स्थान पर है।

2.चावल
Image result for rice plant
यह खरीफ की मुख्य फसल है। भारत में चावल की पैदावार उष्ण कटिबंधीय भागों में बोई जाती है।
आवश्यक उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियां –
तापमान - 196 से 276, सेन्टीग्रेड
वर्षा - 75 से 200 सेन्टीमीटर के मध्य
मृदा प्रकार - नदी घाटी क्षेत्रों की चिकनी दोमट तथा कछारी मिट्टी
भारत के प्रमुख चावल उत्पादन क्षेत्र -  पं. बंगाल, आन्ध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा, बिहार, तमिलनाडु तथा अन्य राज्यों में मध्यप्रदेश, आसाम, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, महाराष्ट्र, पंजाब है।
राजस्थान के प्रमुख चावल उत्पादन क्षेत्र - गंगानगर, हनुमानगढ़, कोटा व बूंदी है।
नोट :-  भारत में मौसम के अनुसार वर्ष भर में चावल की तीन फसलों अमन (मानसून कालीन), ओस (शीत कालीन), बोरो (ग्रीष्मकालीन) को पैदा किया जाता है।
भारत विश्व में चावल उत्पादन की दृष्टि से दूसरे स्थान पर है।

3.मक्का
Image result for maze plant
यह खरीफ की फसल है।
आवश्यक उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियां –
तापमान - 120 से 360 सेन्टीग्रेड
वर्षा - 50 से 100 सेन्टीमीटर
मृदा प्रकार - नाइट्रोजन युक्त गहरी मिट्टी जिसमें जल निकासी पर्याप्त मात्रा में हो।
भारत के प्रमुख मक्का उत्पादन क्षेत्र - आन्ध्रप्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, गुजरात, पंजाब है।
राजस्थान के प्रमुख मक्का उत्पादन क्षेत्र - कोटा, बूंदी बारा, झालावाड़, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा चित्तौड़, अजमेर, गंगानगर तथा हनुमानगढ़ है।
भारत मक्का के उत्पादन की दृष्टि से विश्व का दसवां बड़ा देश है।

4.बाजरा –
Image result for millet plant
बाजरा की खेती गर्म तथा शुष्क जलवायु में जून से अक्टूम्बर के मध्य की जाती है। यह खरीफ की फसल है।
आवश्यक उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियां –
तापमान - 250 से 350 सेन्टीग्रेड
वर्षा - 40 से 60 सेन्टीमीटर
मृदा प्रकार - हल्की मिट्टी जिसमें जल निकासी की उपयुक्त व्यवस्था हो
भारत के प्रमुख बाजरा उत्पादक क्षेत्र - राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तरप्रदेश व शेष भाग अन्य राज्यों में आन्ध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, कर्नाटक व पंजाब में किया उत्पादन जाता है।
राजस्थान के प्रमुख बाजरा उत्पादक क्षेत्र - जोधपुर, बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, सीकर, गंगानगर, सीकर, झुंझुनूं, अलवर, जयपुर तथा जालोर जिलों में उत्पादन किया जाता है।
भारत का बाजरा उत्पादन की दृष्टि विश्व में प्रथम स्थान है।

भारत की प्रमुख दलहन फसलें (दालें) -
प्रोटीन के स्रोत के रूप में दालों का उपयोग किया जाता है।
भारत में दालें खरीफ तथा रबी दोनों मौसम में बोई जाती है। मूंग, मोठ, उड़द, अरहर आदि खरीफ के मौसम तथा मटर, चना, मसूर आदि रबी के मौसम में उत्पादित की जाती हैं।
भारत में दालों के उत्पादन में भी एक तिहाई भाग चने की दाल का है। यह मुख्यतः उत्तरी भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, प. बंगाल के मैदानी भागों में पैदा की जाती है। राजस्थान में चना का उत्पादन गंगानगर, हनुमानगढ़ व बीकानेर के नहरी सिंचाई वाले भागों में किया जाता है।
दूसरी प्रमुख दलहन फसल अरहर है, जो कि ज्वार बाजरा व राई के साथ बोई जाती है। इस फसल का उत्पादन महाराष्ट्र (प्रथम), उत्तरप्रदेश (द्वितीय), कर्नाटक (तृतीय), बिहार, मध्यप्रदेश, आन्ध्रप्रदेश में किया जाता है।
उड़द तथा मूंग को ज्वार, बाजरा व कपास के साथ प्रायद्विपीय भागों में बोया जाता है। राजस्थान मूंग के उत्पादन में देश में प्रथम है। यहां पर मूंग का उत्पादन अर्द्ध शुष्क मरूस्थलीय भागों में जालोर, नागौर, जोधपुर व पाली में किया जाता है। इसी प्रकार राजस्थान में उड़द को हाड़ौती में कोटा, बून्दी, झालावाड़, तथा मेवाड़ में चित्तौड़, उदयपुर, भीलवाड़ा, तथा दक्षिण राजस्थान में बांसवाड़ा में बोया जाता है। मसूर की दाल को रबी की फसलों के साथ पूर्वी राजस्थान में अलवर, भरतपुर व धौलपुर में बोया जाता है ।

Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.