Alternating Current & Direct Current : CBSE & Rajasthan Board Class 12(Physics)


प्रत्यावर्ती धारा

दिष्ट धारा – ऐसी धारा(या वोल्टता) जिसके प्रवाह की दिशा समय के परिवर्तित नहीं हो, दिष्ट धारा (या वोल्टता) कहलाती है।



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इस धारा के मान को समय के साथ आलेखित करने पर आलेख समय अक्ष के समांतर सरल रेखा के रूप में प्राप्त होता है। 
इसकी आवृति शून्य होती है। 
नोट – दिष्टकारी से प्राप्त धारा की दिशा समय के अपरिवर्तित रहती है परन्तु धारा के मान में आवर्ती रूप में अल्प परिवर्तन होता है, ऐसी धारा को असमान उच्चावचन वाली दिष्ट धारा कहते है। 
जैसे- विधुत सेल, बैटरी, दिष्ट धारा जनित्र से प्राप्त धारा दिष्ट धारा होती है। 

प्रत्यावर्ती धारा – ऐसी धारा जो समय के सापेक्ष आवर्ती रूप से परिवर्तित होती हो तथा एकांतर अर्द्धचक्र में धनात्मक और ऋणात्मक होती हो, प्रत्यावर्ती धारा कहलाती है। 
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यह धारा तरंग प्रारूप के अनुसार कई प्रकार की हो सकती है जिनमें कुछ निम्न है –
Image result for square current graph
वर्गाकार धारा
इस प्रकार की धारा में शून्य से T/2 समय तक धारा का मान   अधिकतम रहता है तथा T/2 समय पर धारा का मान तत्काल   होकर T समय तक बना रहता है पुनः T समय पर धारा शून्य हो जाती है। (उपरोक्त चित्रानुसार)

त्रिकोणीय तरंग धारा
इसमें धारा का मान शून्य समय पर शून्य से प्रारम्भ होकर रैखिक रूप से बढ़ते हुए T/4 समय पर अधिकतम   और T/4 से रैखिक रूप से घटते हुए T/2 समय पर शून्य होता है। इसी प्रकार T/2 से ऋणात्मक दिशा में बढ़ते हुए 3T/4 समय पर ऋणात्मक अधिकतम   और अंत में T समय पर पुनः शून्य हो जाता है।

ज्यावक्रीय तरंग धारा –
यह सरलतम प्रत्यावर्ती धारा होती है इसका मान ज्यावक्रीय रूप से परिवर्तित होता है। इस प्रकार के परिवर्तन को ज्या या कोज्या फलन के रूप में व्यक्त किया जाता है। 

किसी समय t पर ज्यावक्रीय प्रत्यावर्ती धारा तथा वोल्टता को निम्न समीकरण द्वारा व्यक्त करते है –

यहाँ   और   क्रमशःप्रत्यावर्ती धारा और वोल्टता के अधिकतम मान है इन्हें शिखर मान भी कहते है। 
प्रत्यावर्ती वोल्टता के स्रोत को संकेत से व्यक्त करते है। 
नोट – भारत में घरेलू उपयोग के लिए प्रत्यावर्ती धारा की आवृति 50 Hz है। 

प्रत्यावर्ती धारा या वोल्टता का तात्क्षणिक मान
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में किसी क्षण धारा(या वोल्टता) के मान को तात्क्षणिक मान कहते है। इसका मान शून्य, धनात्मक या ऋणात्मक हो सकता है। 
प्रत्यावर्ती धारा या वोल्टता का शिखर मान
प्रत्यावर्ती परिवर्तन के पूर्ण चक्र में धारा या वोल्टता का अधिकतम मान शिखर मान कहलाता है। यह प्रत्यावर्ती परिवर्तन के आयाम को भी व्यक्त करता है। 
प्रत्यावर्ती धारा या वोल्टता का औसत मान
प्रत्यावर्ती धारा परिपथ के वोल्टता या धारा के तात्कालिक मान के एक पूर्ण चक्र में औसत (माध्य) को औसत मान कहते है।
         (पूर्ण चक्र के लिए)










अत: (पूर्ण चक्र के लिए)         


प्रथम धनात्मक अर्द्ध चक्र के लिए औसत मान -






इसी प्रकार ऋणात्मक अर्द्धचक्र के लिए

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